सरकार द्वारा अनाथ बच्चों की जीवन रक्षा तथा सुरक्षित भविष्य के लिए पालनहार योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के माध्यम से सरकार अनाथ बच्चों को प्रतिमाह आर्थिक सहायता के रूप में धनराशि प्रदान करती हैं। योजना राज्य सरकार की जानकल्याणकारी योजनाओं में से एक हैं।
पालनहार योजना
पालनहार योजना की शुरुआत सन् 2005 में राजस्थान सरकार द्वारा की गई जो 2 फ़रवरी 2005 से सुचारू हैं। अनाथ बच्चों के भविष्य तथा जीवन रक्षा के लिए यह संपूर्ण भारतवर्ष में अपने आप में अकेली अनूठी योजना हैं। योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए पालनहार को प्रतिमाह योजना के नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती हैं।
पालनहार योजना में देय राशि
लाभार्थी | 5 वर्ष तक प्रतिमाह देय राशि | 6 से 18 वर्ष तक प्रतिमाह ने राशि |
अनाथ बच्चे | 1500/- रुपए | 2500/- रुपए |
विधवा, तलाकशुदा, पुनर्विवाहित महिला के बच्चे तथा जिनके माता-पिता दोनों या कोई एक आजीवन कारावास में हो | 500/- रुपए | 1000/- रुपए |
लाभार्थी को प्रतिमाह दे राशि के अतिरिक्त अध्ययन हेतु किताबें, बैग, जूते आदि ख़रीदने के लिए प्रतिवर्ष 2000 रुपए की अतिरिक्त सहायता राशि प्रदान की जाती हैं।
प्रतिमाह देय राशि का विवरण
पालनहार योजना में अनाथ बच्चे को 5 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 1500 रुपए प्रतिमाह तथा 5 वर्ष बाद 18 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह 2500 रुपए की राशि प्रदान की जाती हैं। 5 वर्ष पश्चात योजना में देय राशि का लाभ लेने के लिए पंजीकृत बच्चे का किसी सरकारी या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय में नामांकन होना आवश्यक हैं। नामांकन ना होने तथा विद्यालय में अध्ययन हेतु ना जाने की स्थिति में योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
अनाथ बच्चों के अलावा अन्य सभी पात्र श्रेणी के 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए 500 रुपए प्रतिमाह तथा 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए 1000 रुपए प्रतिमाह राशि प्रदान की जाती हैं।
पालनहार योजना की PDF फाइल यहाँ से डाउनलोड करें- Palanhar Yojana PDF
योजना की रूपरेखा तथा कार्यप्रणाली
राजस्थान सरकार की पालनहार योजना राज्य के अनाथ तथा बेसहारा बच्चों को किसी अनाथालय में रखने की जगह, समाज में ही रखकर पारिवारिक माहौल में शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, वस्त्र आदि की सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं। यह योजना ये सुनिश्चित करती हैं कि राज्य के प्रत्येक अनाथ तथा बेसहारा बच्चे को जीवन व्यापन के लिए समस्त सामान्य तथा ज़रूरी सुविधाएँ प्राप्त हो सके।
योजना के क्रियान्वयन में पालनहार योजना के अंतर्गत पात्र बच्चों को पालने की ज़िम्मेदारी जिस व्यक्ति द्वारा ली जाती हैं उसे योजना के नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती हैं। यह राशि प्रति बच्चे के हिसाब से देय होती हैं। यह राशि विधवा तथा पुनर्विवाहित महिला की संतानों के लिए देय नहीं होती हैं।
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पालनहार योजना के लिए पात्रता
पालनहार योजना का लाभ लेने लिए राजस्थान सरकार द्वारा निम्नलिखित पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं-
- ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी हो।
- माता-पिता दोनों में से एक आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा प्राप्त किया हुआ हो तथा दूसरे को कोई अति गंभीर बीमारी हो रखी हो
- योजना में विधवा महिला के अधिकतम तीन बच्चों को लाभ प्रदान किया जाता हैं।
- पुनर्विवाहित महिला की संतान
- तलाकशुदा महिला की संतान
- एड्स, कैंसर से पीड़ित माता-पिता की संतान
पालनहार योजना का लाभ लेने के लिए पालक व्यक्ति या माता की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना का लाभ लेने के लिए शहरी क्षेत्र में विभागीय जिला अधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित विकास अधिकारी की स्वीकृति अनिवार्य होती हैं।
पालनहार योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन
राजस्थान सरकार की पालनहार योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन जनाधार पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया जा सकता हैं। इसके लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन ही भरना होता हैं तथा बच्चे के अध्ययनरत होने के सबूत की लिए विद्यालय प्रमाण पत्र या ऑनलाइन शाला दर्पण पोर्टल से ही वेरीफाई किया जा सकता हैं।